Thursday, October 22, 2009

विदुर नीति-आठ महीने अच्छे काम कर चार महीने आराम से रहें (vidur niti-achchhe kam se neend aati hai)

दिवसैनैव कुर्याद् येन रात्रौ सुखं वसेत।
अष्टामासेन तत् कुर्याद् येन वर्षा सुखं वसेत्।।
हिंदी में भावार्थ-
नीति विशारद विदुर कहते हैं कि पूर दिन में वह कार्य करें जिससे रात में आराम से नींद आ सके और आठ महीनों में वह कार्य करें जो चार महीने सुख से व्यतीत हो सकें।

जीर्णमन्नम् प्रशंसंति भार्या च गतयौवनम्।
शूरंविजितसंग्रामं गतयारं तपस्विनम्।।
हिन्दी में भावार्थ-
नीति विशारद विदुर कहते हैं कि सज्जन आदमी पच जाने पर पर अन्न , युवावस्था बेदाग बीत जाने पर स्त्री, युद्ध विजयी होने पर वीर और तत्व ज्ञान प्राप्त करने पर तपस्वी किया प्रशंसा करते हैं।
वर्तमान संदर्भ में संपादकीय व्याख्या-आमतौर से प्राचीन काल में वर्षा के चार मास मनुष्य के लिये अवकाश का काल माने जाते थे। उस समय चूंकि पक्के मार्ग नहीं हुआ करते थे इसलिये वर्षाकाल में यात्रायें वर्जित थीं। शायद इसलिये ही विदुर महाराज ने यह संदेश दिया कि आठ मास में अधिक परिश्रम कर इतना धनर्जान कर लें कि बाकी चार मास में आराम से रोजी रोटी चल सके। वर्षाकाल में उमस के कारण थोड़ा कार्य करने से भी शरीर से ऊर्जा पसीने के रूप में बाहर आने लगती है और फिर उस समय खाना भी इतनी आसानी से हजम नहीं होता इसलिये बीमारी का प्रकोप बना रहता है इसी कारण वर्षा में अधिक परिश्रम वर्जित किया गया है। वर्षाकाल में देह में ऊर्जा निर्माण की प्रक्रिया भी कठिन होती है।

उन्होंने यह बात बहुत महत्वपूर्ण कही है कि हमें दिन में ऐसे ही काम करना चाहिये जिससे्र रात को निश्चिंत होकर निद्रा का आनंद ले सकें। देखा जाये तो इसमें ही इस दैहिक जीवन का बहुत बड़ा रहस्य छिपा हुआ है। दिन में क्रोध या लोभवश किये काम का रात को अपने ही दिमाग पर जो तनाव रहता है उससे निद्रा नहीं आती। अगर किसी से हमने बैर लिया होता है तो उसके प्रहार की चिंता से एक नहीं बल्कि कई रातों की नींद हराम हो जाती है। कहीं प्रमाद या विलासिता के वशीभूत मजे लेने के लिये किया गया कार्य इसलिये भी रात को नींद में सताता है कि उसका कहीं किसी को पता न चल जाये। इस बात को ध्यान में रखते हुए दिन में ही सतर्कता बरतना चाहिए कि हमारे हाथ से ऐसा कोई कार्य न हो जाये जिससे रात की नींद हराम हो। ऐसा करने से मनुष्य स्वतः ही पापकर्म से विरक्त रहेगा। अगर आप अच्छा काम करेंगे तो रात को नींद अपने आप अच्छे तरह आयेगी।
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संकलक एवं संपादक-दीपक भारतदीप,Gwalior
http://rajlekh.blogspot.com
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