Thursday, June 26, 2008

संत कबीर वाणी: शरीर छूट जाए पर लज्जा न छोडें

पपीहा पन को ना तजै, तजै तो तन बेकाज
तन छाड़ै तो कुछ नहीं, पर छाड़ै हैं ना लाज
संत शिरोमणि कबीरदास जी कहते हैं कि पपीहा कभी भी अपने स्वाभाविकता का त्याग नहीं करता और यदि त्याग दे तो उसका जीवन ही व्यर्थ है। यह देह भले ही नष्ट हो जाये पर अपनी लाज का त्याग नहीं करना चाहिए।

चातक सुतहि पढ़ावई, आन नीर मति लेय
मम कुल याही रीत है, स्वाति बुंद चित देय


संत शिरोमणि कबीरदास जी कहते हैं कि चातक अपने बालक को शिक्षा देता है कि अन्य किसी स्थान से जल ग्रहण मत करो। केवल स्वाति जल को ही ग्रहण करो। इस तरह वह चातक अपने कुल की रीति के अनुसार चलता है।

वर्तमान संदर्भ में व्याख्या-जीवन में सुख और दुख तो लगे रहते हैं पर आदमी को कभी विचलित नहीं होना चाहिए। कई बार जीवन में ऐसा अवसर आता है कि आदमी को अपने स्वाभाविक गुणों से परे होने के लिये प्रेरित किया जाता है और न होने पर उसे पीड़ा पहुंचायी जाती है पर इससे उसको विचलित नहीं होना चाहिए। समय के अनुसार माया आती जाती है पर जो मानसिक रूप से परिपक्व होते हैं वह धनाभाव में भी अपने चरित्र और विश्वास पर दृढ़ रहते हैं और किसी प्रकार का निकृष्ट कर्म या व्यवहार नहीं करते। ऐसे चरित्र के संस्कार मनुष्य को अपने माता पिता से मिलते हैं। चरित्रवान लोग अपने बच्चों को भी ऐसी ही शिक्षा देते हैं कि विपत्ति पड़ने पर अपने नैतिक आधारों से दूर न रहते हुए दृ+ढ़ता पूर्वक अपने धर्म का पालन करें।

समस्त ब्लॉग/पत्रिका का संकलन यहाँ पढ़ें-

पाठकों ने सतत अपनी टिप्पणियों में यह बात लिखी है कि आपके अनेक पत्रिका/ब्लॉग हैं, इसलिए आपका नया पाठ ढूँढने में कठिनाई होती है. उनकी परेशानी को दृष्टिगत रखते हुए इस लेखक द्वारा अपने समस्त ब्लॉग/पत्रिकाओं का एक निजी संग्रहक बनाया गया है हिंद केसरी पत्रिका. अत: नियमित पाठक चाहें तो इस ब्लॉग संग्रहक का पता नोट कर लें. यहाँ नए पाठ वाला ब्लॉग सबसे ऊपर दिखाई देगा. इसके अलावा समस्त ब्लॉग/पत्रिका यहाँ एक साथ दिखाई देंगी.
दीपक भारतदीप की हिंद केसरी पत्रिका


इस लेखक की लोकप्रिय पत्रिकायें

आप इस ब्लॉग की कापी नहीं कर सकते

Text selection Lock by Hindi Blog Tips

हिंदी मित्र पत्रिका

यह ब्लाग/पत्रिका हिंदी मित्र पत्रिका अनेक ब्लाग का संकलक/संग्रहक है। जिन पाठकों को एक साथ अनेक विषयों पर पढ़ने की इच्छा है, वह यहां क्लिक करें। इसके अलावा जिन मित्रों को अपने ब्लाग यहां दिखाने हैं वह अपने ब्लाग यहां जोड़ सकते हैं। लेखक संपादक दीपक भारतदीप, ग्वालियर

विशिष्ट पत्रिकायें

Blog Archive

stat counter

Labels