Monday, April 28, 2008

मनुस्मृति:खाने के बाद नहाना नहीं चाहिऐ

मध्र्यदिनाऽर्धरात्रे श्राद्धं भुक्तं च सामिषम्
सन्ध्ययोरुभयोश्चव न सेवेत चतुष्पथम्


दोपहर, आधी रात और दोनों संध्याओं के समय एवं श्राद्ध में मांस का भोजन कर बाजार में चौराहे पर अधिक समय तक नहीं घूमना चाहिए।

न स्नानपाचरद्भुत्वा नातुरा न कहानिशि
न वासोभिःसहाजस्त्रं नाऽविज्ञाते जलाशये


भोजन करने के बाद, रोगी होने, आधी रात के समय, कपड़े पहनकर गहरे पानी और उस सरोवर में नहीं नहाना चाहिए जिसके बारे में ज्ञान न हो।

वर्तमान संदर्भ में व्याख्या-अक्सर खाना खाने के बाद लोग घर से बाहर बाजारों में घूमने चले जाते हैं। कुछ लोग बाहर निकलकर सिगरेट, तंबाकू और उसकी पुडिया को खाने ऐसी जगहों पर चले जाते है जहां उनको लोग मिलते हैं। वैसे मनु जी ने यहां शायद इसलिये चौराहे शब्द उपयोग किया है क्योंकि गांवों और शहरों में चौराहों पर अधिकतर दुकाने आदि हुआ करतीं थीं। लगभग आज भी वैसी ही स्थिति है पर सब जगह चौराहे नहीं है और यहां हम बाजार को भी चौराहे के रूप में मान सकते हैं। लोग खाना खाने के बाद लंबे समय तक वहीं खड़े बातचीत में लगे रहते हैं। खाना खाने के बाद बाहर घूमने के बहाने बाहर लोग आपस में वही दुनियावी बातें करते है। जो दिनभर करते हैं। खाने के बाद भोजन को पचाने के लिये देह में कई रसायन होते हैं और इस तरह की कुछ क्रियाएं जो हम करते हैं उन रसायनों के मूल तत्व को नष्ट कर देतीं हैं। हम बातें करते है या घूमते हैं तो हमारे मस्तिष्क की धमनियों पर प्रभाव होता है और संभवत उससे खाने की पाचन क्रिया पर प्रभाव पड़ता है। आधुनिक स्वास्थ्य विज्ञान इस बात की पुष्टि करता है कि चिंता से भोजन की पाचन क्रिया पर विपरीत प्रभाव पड़ता है। अतः मनु जी के संदेश का महत्व हम समझ सकते हैं।

समस्त ब्लॉग/पत्रिका का संकलन यहाँ पढ़ें-

पाठकों ने सतत अपनी टिप्पणियों में यह बात लिखी है कि आपके अनेक पत्रिका/ब्लॉग हैं, इसलिए आपका नया पाठ ढूँढने में कठिनाई होती है. उनकी परेशानी को दृष्टिगत रखते हुए इस लेखक द्वारा अपने समस्त ब्लॉग/पत्रिकाओं का एक निजी संग्रहक बनाया गया है हिंद केसरी पत्रिका. अत: नियमित पाठक चाहें तो इस ब्लॉग संग्रहक का पता नोट कर लें. यहाँ नए पाठ वाला ब्लॉग सबसे ऊपर दिखाई देगा. इसके अलावा समस्त ब्लॉग/पत्रिका यहाँ एक साथ दिखाई देंगी.
दीपक भारतदीप की हिंद केसरी पत्रिका


इस लेखक की लोकप्रिय पत्रिकायें

आप इस ब्लॉग की कापी नहीं कर सकते

Text selection Lock by Hindi Blog Tips

हिंदी मित्र पत्रिका

यह ब्लाग/पत्रिका हिंदी मित्र पत्रिका अनेक ब्लाग का संकलक/संग्रहक है। जिन पाठकों को एक साथ अनेक विषयों पर पढ़ने की इच्छा है, वह यहां क्लिक करें। इसके अलावा जिन मित्रों को अपने ब्लाग यहां दिखाने हैं वह अपने ब्लाग यहां जोड़ सकते हैं। लेखक संपादक दीपक भारतदीप, ग्वालियर

विशिष्ट पत्रिकायें

Blog Archive

stat counter

Labels